CNG (सीएनजी) का फुल फॉर्म क्या है? (What is The Full Form of CNG In Hindi?) CNG का क्या मतलब होता है? CNG क्या है?
• CNG का फुल फॉर्म/मतलब 'Compressed Natural Gas' है।
• CNG को हिंदी में 'संपीड़ित प्राकृतिक गैस' कहा जाता है।
• जैसे खनिज ऑयल (Crude Oil) भूमि से प्राप्त होता है तथा उस खनिज ऑयल को शुद्ध करके उसमें से भिन्न पदार्थ जैसे- पेट्रोल , डीजल , केरोसीन ऑयल निकालते हैं उसी तरह यह गैस भी भूमि से प्राप्त होती है यह गैस खनिज ऑयल (Crude Oil) के आसपास के भण्डार क्षेत्र में मिलती हैं।
● CNG को प्राकृतिक गैस क्यो कहते है? (Why is CNG called natural gas? In hindi)
• सीएनजी(CNG) को प्राकृतिक (Natural Gas) गैस इसलिए कहते हैं क्योंकि यह गैस जिस रूप में मिलती है इसे उसी रूप में बिना कोई मिलावट या परिवर्तन किये बिना प्रयोग कर लिया जाता है ।
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● सीएनजी(CNG) में किन गैसों का मिश्रण है? सीएनजी(CNG) में मुख्य रूप से कौन सी गैस (gas) होती है?
• सीएनजी (CNG) हाइड्रोकार्बन गैसेज तथा वेपर (Vapour) का मिश्रण है। मीथेन (CH) Compressed करके वाहनों में प्रयोग करते हैं जिसको 200 से 220 बार (200 to 220 kg /cm2 ) का दवाब बढ़ाकर सिलिंडर मे संचित करते है । CNG में मीथेन (Methane) 80 to 90 % , इथेन 4.5 % , ब्युटेन (Butane) 0.7 to 0.8 % , प्रोपेन (Propane) 1.7 to2 % तथा अन्य कई गैसें छोटी छोटी मात्रा में मिली होती हैं। CNG में मुख्य मात्रा मीथेन गैस की होती है।
🙇 वाहनों में CNG का प्रयोग क्यो किया जाता है? (Why is CNG used in vehicles? In hindi)
👉 CNG कि शुरुआत धीमी गति से रही परन्तु माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिशा निर्देश जारी करने के पश्चात् वह मोटर व्हीकल (Motor Vehicles) 🚘 को चलाने वाले Fuel के रूप में प्रसिद्ध हो गयी। भारतवर्ष में अभी दिल्ली तथा मुम्बई में ही इसका प्रयोग किया गया है। क्योकि दिल्ली में ⛽ पेट्रोल, डीजल के वाहनों से निकलने वाले धुएँ और जहरीली गैसों के कारण वायु प्रदूषण दिन - प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था जिससे वातावरण दुषित हो रहा था कई बीमारियाँ बढ़ती जा रही हैं परन्तु CNG को वाहनों में प्रयोग करने के पश्चात् वायु प्रदूषण के स्तर में लगातार कमी आयी हैं।
• दिल्ली में CNG के कई स्टेशन है जिनको पाइप लाइन के द्वारा आपस में जोड़ा गया है बाकी गैस स्टेशनों में टैंको तथा टैम्पो द्वारा इस गैस को भेजा जाता है। भारतवर्ष के कई बड़े - बड़े शहरों में CNG का प्रयोग करने की योजनाएँ सरकार बना रही है क्योंकि बड़े - बड़े शहरों में दिन प्रतिदिन डीजल और पेट्रोल के धुएँ के कारण वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है।
🤝 CNG की क्या विशेषताएँ हैं? (What are the characteristics of CNG? in hindi)
👉 CNG की विशेषताएँ है :
1 .भारत वर्ष में आने वाले 30 से 40 वर्षों तक CNG का काफी भण्डार हैं।
2. संसार में इसका प्रयोग सन् 1930 से हो रहा है, परन्तु भारत में इसका प्रयोग सन् 1992 से हो रहा है।
3. काफी कम तापमान पर भी CNG वायु के साथ आसानी से मिक्स हो जाती है।
4. CNG में कोई दुर्गन्ध नहीं है।
5. इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के दिल्ली में कई फिलिंग स्टेशन है।
6. सरकार CNG को आटो फ्यूल के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
7. CNG प्रदूषण नहीं फैलाती है 🌳और हमारे वातावरण की दोस्त है।
8 . CNG से फ्यूल की कीमत में 60 % बचत होती है।
9. CNG एक नॉन टॉक्सिक (Non Toxic) (जहरीली), नॉन - कोरोसिव (Non - corrosive) (जंग रहित) तथा नॉन - कार्सिनोजेनिक (Non - carcinogenic) अथार्थ CNG के उपयोग से कैंसर रोग के उत्पन होने की संभावना नगण्य है।
10. CNG की ज्यादा कम्प्रेशन रेशो होती है जिससे फ्यूल की खपत कम हो जाती है।
11. CNG हवा से हल्की होने के कारण यह जल्दी से फैलकर ऊपर उठ जाती है परन्तु पेट्रोल तथा L.P.G. लीकेज वाली जगह पर इकट्ठी हो जाती है।
12. CNG का ज्वलन तापमान (540 °C) काफी होता है इसे जलने के लिए कंसनट्रेशन 5 से 15 % होनी चाहिए।
13. CNG की ऑकटेन वेल्यू (125 से 130) ज्यादा होने के कारण यह एण्टीनोक (Anti - knock) होता है और यह पेट्रोल तथा डीजल से ज्यादा अच्छा है।
14. CNG में कोई भी मिलावट नहीं हो सकती।
15. CNG से इंजन की आयु बढ़ जाती है और मेन्टेनेंस कीमत कम हो जाती है जैसे ऑयल फिल्टर, स्पार्क प्लग इग्नीशन सिस्टम , पिस्टन तथा रिंग इत्यादि।
16. इसके चोरी होने का खतरा नहीं होता और मात्रा भी पूरी मिलती है।
• CNG को बाई फ्यूल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं अगर CNG खत्म हो जाए तो इंजन को पेट्रोल से भी चला सकते हैं। इसलिए पेट्रोल तथा डीजल इंजन में रेटरोफिटिंग (Retrotiting) की गई। सिलिंडर हेड के डिजाइन को बदला गया, इंजेक्शन हटाया गया। स्पार्क प्लग लगाए गए। इसके बाद एमीशन (Emission) परफारमेंस फ्यूल की खपत, शोर को टेस्ट किया।
• देखिये चित्र में एक आधुनिक कार में CNG प्रणाली दिखाई गई है:-
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CNG DIAGRAM IN CAR |
❤️ गाड़ियों में CNG प्रयोग करने पर हमें क्या लाभ है?(What are the benefits to us by using CNG in vehicles? in hindi)
1. सस्ती : - यह पेट्रोल से सस्ती है। 💸
2. पर्यावरण की दोस्त :- इसमें CO और HC कम से कम निकलते हैं। 🌲🌻
3. कॉम्पैक्ट योग्यता :- अगर इंजन को CNG में बदला जाए तो बेसिक इंजन वही रहेगा।
4. टैक्स में लाभ : - कम्पनी को इसके इस्तेमाल से आयकर में छूट मिलती है।
5. ज्यादा इंजन आयु :- इसके इस्तेमाल से इंजन स्मूथ (Smooth) चलता है तथा कम आवाज करता है। इंजन के क्रेंक केस के अन्दर साफ बना रहता है तथा इंजन स्वस्थ और लम्बे समय तक काम करता है।
6. सुरक्षित (Safety) :- CNG में आग पकड़ने के चाँस (Chance) कम होते हैं क्योंकि यह हवा से हल्की है और से फैलकर ऊपर उठ जाती है।
🙄 CNG फ्यूल से हमें क्या क्या हानियाँ हैं? (What are the disadvantages of CNG fuel? In hindi)
1. CNG की इनस्टालेशन किट महँगी है।
2. CNG सिलिंडर काफी जगह घेरता है। जिससे कार में जगह कम पड़ जाती है।
3. CNG की उपलब्धता हर जगह नहीं है।
4. बसों में बड़े बड़े सिलिंडरों से उसका भार बढ़ जाता है जिससे उसमें भार ढोने की क्षमता कम हो जाती है।
5. फ्यूल टैंक की किलोमीटर में कम चलने के कारण हमें CNG बार - बार भरवानी पड़ती है।
6. CNG भरवाने में समय ज्यादा लगता है।
7. प्रारम्भिक पिक - अप कम हो जाती है। इसमें टार्क भी कम बनता है। CNG की रनिंग कोस्ट पेट्रोल की अपेक्षा 28 % होती है।
😘इसकी कीमत की वजह से उपरोक्त लिखित कमियाँ कोई माईने नहीं रखती है। CNG के इस्तेमाल से ग्लोबल वार्मिंग (warming) कम व धीरे धीरे होती है।
🛠️ CNG किट की वजह से गाड़ी में क्या क्या बदलाव जरूरी है? (What changes are required in the vehicle due to CNG kit? In hindi)
🛠️ पेट्रोल इंजन रेटरोफिटिंग करते वक्त मेजर कोम्पोनेन्ट लगाए जाते हैं :-
1. CNG सिलिंडर :- CNG गैस के लिए।
2. वेपर बैग :- वेपर निकालने तथा वाल्ब जोड़ने के लिए।
3. हाई-प्रैशर पाइप :- CNG को भरने के लिए।
4. रीफ्यूलिंग वाल्ब :- दोबारा CNG भरने के लिए।
5. प्रैशर रेगुलेटर :- इंजन में जरूरत के हिसाब से CNG भेजने के लिए।
6. गैस - एयर मिक्सचर :- CNG और वायु मिक्सचर को इंजन तक पहुँचाना।
7. पेट्रोल सोलीनॉयड - पेट्रोल की सप्लाइ को रोकना। जब कार CNG पर चल रही हो।
8. सेलेक्टर स्वीच - CNG या पेट्रोल चुनने के लिए।
CNG तथा पेट्रोल में कम्बशन एक जैसी होने के कारण दोनों मोड (Mode) में कामयाब है। परन्तु डीजल के साथ इसे इस्तेमाल नहीं कर सकते।
🚦CNG वाहन के चलाने के क्या दिशा निर्देश हैं? (What are the guidelines for driving a CNG vehicle?)
CNG को स्टार्ट करना :
(1) स्वीच आन इग्नीशन। 🔑
(2) एक्सीलेटर को छूएँ नहीं। ❌
(3) अब इग्नीशन चाबी से स्टार्ट करें। 🗝️
(4) एक्सीलेटर को दबाएँ और इंजन स्टार्ट करें।✅
👉 फ्यूल को बदलना : - चाहे आप खड़े हो या गति में हो फ्यूल को बदलने में कोई कठिनाई नही आती है बस सेलेक्टर स्विच को दबाने से फ्यूल पेट्रोल से CNG में बदल जाता है या जाना शुरू कर देता है।
• इंजन को न्यूट्रल अवस्था में ले जाएँ।
• इंजन के रुकने का इंतजार करें।
• एक्सीलेटर को दो बार पूरा दबाएँ।
• जब इंजन दोबारा से रूकने लगे तो CNG मोड (Mode) पर आ जाएँ।
👉 फ्यूल को मत बदलिए जब आप किसी को ओवरटेक कर रहे हों या फिर किसी इन्टरसेक्सन से गुजर रहे हो। नए सिस्टम में पहले इंजन को पेट्रोल मोड में चलाते हैं और इच्छित R.P.M. मिलने के बाद पेट्रोल से CNG Mode में चले जाते हैं।
👌CNG कितनी सुरक्षित है, हमें क्या - क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए जब कोई लीकेज हो। (How safe is CNG, what precautions should we take when there is any leakage? in hindi)
• वैसे तो CNG सुरक्षित है इसकी विस्फोटक सीमा पेट्रोल व डीजल से ज्यादा है । यह हवा से हल्की और जल्दी से हवा में फैलकर ऊपर उठ जाती है और यह इकट्ठी नहीं होती है जलने से हवा में ज्यादा मात्रा में CNG मिक्स करनी पड़ती है इसको 300 psi (200 bar) पर स्टोर करते हैं यह जहरीली नहीं है। इटली में पिछले 49 वर्षों से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। अभी तक इसके द्वारा किसी की मौत (Death) या चोट नहीं लगी है।
• कृपया जलती हुई माचिस की तीली या कोई ज्वाला (flame) CNG के उपकरण के नजदीक न लाएँ , जहाँ - जहाँ से यह गुजर रही हो। अपने वाहन को वहाँ पार्क न करे जहाँ वेन्टीलेशन न हो। अगर वाहन को वेल्डींग कर रहे हो तो वाहन के सिलिंडर को 1.5 मीटर से दूर रखें।